लोलासन के फायदे और करने का तरीका | lolasana ke fayde aur karne ka tarika
शरीर को स्वस्थ और संतुलित रखने के लिए योग का अत्यधिक महत्व है। योग ऐसा साधन है जिसके माध्यम से हम शरीर को मजबूत तो बनाते हैं साथ ही बीमारियों से भी रक्षा कर पाते हैं। अक्सर लोग इसे धीमा व्यायाम मान लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं है योग आपके शारीरिक ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य को भी ठीक रखने का साधन है। योग में ढेरों आसन है जिनके माध्यम से हम स्वस्थ बने रह सकते हैं। उन्ही आसनों में से एक आसन लोलासन है जिसके माध्यम से हम हाथों और कंधों को मजबूत बना सकते हैं।इस आसन के अनेक लाभों में से कुछ लाभ इस प्रकार हैं।
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लोलासन के फायदे
यह योग करने से पाचन तंत्र स्वस्थ बना रहता है।
इस आसन को नियमित रूप से करने से कंधे मजबूत बनते हैं। लोलासन के प्रतिदिन अभ्यास करने से पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती है।
यह योग कलाइयां और हाथों की मांसपेशियों को स्वस्थ व मजबूत बनाए रखता है।
प्रतिदिन इस आसन का अभ्यास करने से तंत्रिका तंत्र स्वस्थ रहता है।
इस आसन के अभ्यास से हमें तनाव में भी लाभ मिल सकता है।
ये आसन पीठ और पसलियों को मजबूत बनाता है।
यह आसन शरीर को लचीला और संतुलित बनाता है।
धातू रोग को दूर करने में लाभदायक है।
इस आसन को करने का तरीका
मेट या दरी बिछाकर पैरों को सीधा फैलाकर बैठ जाएं। गोमुख आसन की स्थिति में पैर रखें।इसके लिए दाहिने पैर के घुटने को मोड़कर ,दाएं पैर को बाए कूल्हे के नीचे रख दें।
इसके बाद बाएं पैर को मोड़कर दाएं कूल्हे के पास रखें।
इस प्रकार घुटने के ऊपर घुटना आ जाएगा।
दोनों हाथों की हथेलियां अपने अगल-बगल रख दें।
अपने हाथों पर वजन रखते हुए अपने शरीर को उठाइए।
घड़ी के पेंडुलम की तरह अपने शरीर को क्षमता अनुसार झुलाए।
शरीर को ऊपर उठाते समय सांस भरे और शरीर को नीचे लाते समय सांस छोड़ें।
अब दोनों पैरों को सीधा करें और पैर को बदल कर वापस अभ्यास करें।
सावधानियां
कलाई, कन्धे और पीठ में दर्द होने पर यह आसन न करें।उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों को यह योग नहीं करना चाहिए।
महिलाओं को गर्भावस्था में यह आसन नहीं करना चाहिए। योग प्रशिक्षक की देखरेख में करें।
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