पालक के फायदे, नुकसान और पोष्टिक तत्व | Spinach ( palak ) Benefits, Side effects and nutrition in hindi
पालक एक सुपर फूड है। पालक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। पालक का साग त्वचा, हड्डियों और बालों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
पालक आयरन का एक अच्छा स्रोत है। पालक में अन्य पदार्थों की तुलना में लगभग दुगनी मात्रा में आयरन होता है।
पालक विटामिन और खनिजों का एक उत्कृष्ट स्रोत है इसमें उच्च मात्रा में विटामिन C, विटामिन K, फोलेट, फोलिक एसिड, आयरन और कैल्शियम होता है।
पालक एक ऐसी पत्तेदार हरी सब्जी है जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करती है।
कच्चे पालक में कई तरह के पोष्टिक तत्व होते हैं जो उबले हुए या पके हुए पालक की तुलना में ज्यादा होते हैं। इसका कच्चे रूप में सेवन करने से आपको अधिक मात्रा में फोलेट, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन C और पोटेशियम मिल सकते हैं।
हालांकि पालक को पके हुए रूप में भी सेवन करना निश्चित रूप से बेहतर है क्योंकि गर्मी के कारण पालक में मौजूद आॅक्सैलिक एसिड वाष्पित हो जाता है।
पालक का सेवन कई तरह से कर सकते हैं। आप इसे डिब्बाबंद या ताजा खरीद सकते हैं। यह खाने में स्वादिष्ट होता है और साथ ही इसको अन्य व्यंजनों के साथ मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं।
माना जाता है कि पालक की उत्पत्ति 2000 साल पहले प्राचीन फारस में हुई थी। इसे भारत प्राचीन चीन और नेपाल में फारसी सब्जी के रूप में पेश किया गया।
पालक का सेवन पूरी दुनिया में किया जाता है विशेष रूप से भूमध्यसागरीय, मध्य पूर्वी और दक्षिण पूर्वी एशिया में पालक का भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है।
पालक अमरन्थेसी कुल का पादप है। इसका वानस्पतिक नाम स्पिनैसिया ओलेराशिया ( spinacia oleracea ) है।
पालक के प्रकार
पालक को तीन मुख्य किस्मों में बांटा गया है।
- सेवाॅय पालक
- सेमी सेवाॅय पालक
- प्लैट्स लीफेड
इन किस्मों में प्रत्येक की उप किस्में भी होती है।
पालक के पौष्टिक तत्व (1■)
एक कप ( 30 ग्राम )
कार्बोहाइड्रेट 1.1 ग्राम
आहार फाइबर 0.7 ग्राम
शुगर 0.1 ग्राम
वसा 0.1 ग्राम
विटामिन A 2813 आई यू
विटामिन C 8.4 एम जी
विटामिन K 145 एम सी जी
ओमेगा 3 फैटी एसिड 41.4 एम जी
ओमेगा 6 फैटी एसिड 7.8 एम जी
प्रोटीन 0.9 ग्राम
राइबोफ्लेविन 0.1 एम जी
नाइसिन 0.2 एम जी
विटामिन B6 0.1 एम जी
फोलेट 58.4 एम सी जी
कोलीन 5.4 एन जी
बेटैन 165 एम जी
पानी 27.4 ग्राम
जिंक 0.2 एम जी
मैंगनीज 0.3 एम जी
सेलेनियम 0.3 एम जी
कैल्शियम 29.7 म जी
आयरन 0.8 एम जी
मैग्नीशियम 23.7 एमजी
फास्फोरस 14.7 एम जी
पोटेशियम 167 एमजी
सोडियम 23.7 एम जी
पालक खाने के फायदे
बालों के स्वास्थ्य के लिए, त्वचा के स्वास्थ्य के लिए, हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए, अस्थमा की रोकथाम के लिए, रक्तचाप कम करने के लिए, मधुमेह नियंत्रण के लिए, कैंसर से बचाव के लिए, वजन कम करने के लिए, आंखों के स्वास्थ्य के लिए, तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए, एनीमिया के जोखिम को कम करने के लिए, पाचन तंत्र के स्वास्थ्य के लिए।
बालों के स्वास्थ्य के लिए
पालक में आयरन, फोलेट, मैगनीज और जिंक जैसे खनिज तत्वों के साथ-साथ विटामिन A, विटामिन C, ओमेगा 3 फैटी एसिड आदि होते हैं, जो बालों के स्वास्थ्य और उनको बढ़ाने में मदद करते हैं।
त्वचा के स्वास्थ्य के लिए
पालक में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा की झुर्रियों को दूर करने में मदद करते हैं। पालक में विटामिन A और विटामिन C भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाकर नई कोशिकाओं के निर्माण करने में मदद करते हैं। पालक के सेवन से त्वचा में निखार आता है।
शरीर में आयरन की कमी से पेरिओरिबिटल हाइपरपिग्मेंटेशन हो सकता है। इस स्थिति में आंखों के नीचे काले घेरे हो जाते हैं। पालक के सेवन से आंखों के नीचे काले घेरों की समस्या में फायदा मिल सकता है।
हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए
पालक में पाए जाने वाले कैल्शियम और आयरन जैसे खनिज तत्व तथा विटामिन हड्डियों को मजबूती प्रदान करते हैं।
विटामिन k का कम सेवन करने से हड्डियों में फैक्चर होने का जोखिम बढ़ सकता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त मात्रा में विटामिन k का सेवन आवश्यक है, क्योंकि यह प्रोटीन संशोधक के रूप में कार्य करता है। साथ ही यह कैल्शियम के अवशोषण में सुधार करता है।
पालक विटामिन k का एक बहुत अच्छा स्रोत है जो Osteocal नामक प्रोटीन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। यह हड्डियों में कैल्शियम के स्तर को स्थिर रखने के लिए जिम्मेदार होता है।
अस्थमा की रोकथाम के लिए
पालक खनिज तत्वों और विटामिन से भरपूर होते हैं। इसमें फोलेट तत्व होता है। जो विशेष तौर पर अस्थमा से पीड़ित व्यक्तियों के लिए लाभदायक होता है।
मैग्नीशियम की कमी उन लोगों में आम बात है जो अस्थमा से पीड़ित है। पालक में अन्य खनिज तत्वों के साथ-साथ मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है।
पालक में विटामिन C की अच्छी मात्रा होती है। यह स्वस्थ प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करती है।
रक्तचाप को कम करने के लिए
पालक में पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे ह्रदय को स्वस्थ रखने वाले खनिज तत्व होते हैं। यह तत्व रक्तचाप के स्तर को कम करने और बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मधुमेह नियंत्रण के लिए
पालक एक कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड है। जिन पदार्थों का जी आई कम होता है, उनके रक्त शर्करा के स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है या कम प्रभाव पड़ता है।
सामान्यता मधुमेह के रोगियों को कार्बोहाइड्रेट भोजन के सेवन को सीमित करने के लिए बोला जाता है। पालक एक ऐसा साग है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट कम मात्रा में होता है जो मधुमेह में लाभदायक है।
कैंसर से बचाव के लिए
पालक में ल्यूटिन और जैक्सैथिन नामक तत्व होते हैं। कैरोटीनाॅयड अस्थिर अणुओं को हटाते हैं।
प्रयोगशाला अध्ययनों से पता चलता है कि पालक में मौजूद कैरोटीनाॅइ कैंसर के विकास में अंकुश लगा सकते हैं।
अध्ययनों से यह स्पष्ट होता है कि पालक और हरे पत्तेदार सब्जियों के सेवन से स्तन कैंसर और प्रोटेस्ट कैंसर को रोकने में मदद मिल सकती है।
वजन कम करने के लिए
वजन कम करने के लिए आपको ऐसा आहार का सेवन करना होगा जिसमें कम कैलोरी होती है। एक कप पालक में सिर्फ 7 कैलोरी होती है। पालक कैलोरी में कम होता है और विटामिंस तथा खनिज पदार्थों में भरपूर होता है।
पालक को अपने आहार में शामिल करके आप अपने पेट के आसपास जमा अतिरिक्त चर्बी को कम कर सकते हैं पालक में कार्ब और वसा दोनों की ही कम मात्रा होती हैं।
आंखों के स्वास्थ्य के लिए
पालक और हरी पत्तेदार सब्जियों में ल्यूटिन और जैक्सैथिन अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।
ल्यूटिन और जैक्सैथिन आहार कैरोटीनाॅयड के रूप होते हैं, जो रेटिना की में जमा होते हैं। यह अतिरिक्त प्रकाश ऊर्जा को अवशोषण करके एक प्राकृतिक सनब्लाक के रूप में कार्य करते हैं।
ल्यूटिन और जैक्सैथिन प्रकाश की हानिकारक नीले तरंग धैर्य को फिल्टर करते हैं और आंखों की स्वस्थ कोशिकाओं को बचाए रखते हैं।
पोषक तत्वों से भरपूर पालक और हरे पत्तेदार सब्जियां उम्र से संबंधित नेत्र रोगों को दूर रखने में मदद कर सकती है।
तंत्रिका तंत्र और मष्तिक के स्वास्थ्य के लिए
पालक में विटामिन B विटामिन A विटामिन K फोलेट और एल-टाॅयरोसिन होता है। ये तत्व आपकी मानसिक स्वास्थ्य और याददाश्त को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं।
पालक उम्र से संबंधित समस्याओं तथा मस्तिष्क की संज्ञानात्मक हानि को धीमा करने के लिए उपयुक्त होता है।
शोध से पता चला है कि दिन में एक या दो बार हरे पत्तेदार सब्जियां या पालक का सेवन करने से मस्तिष्क का स्वास्थ्य बेहतर हो सकता है और संज्ञानात्मक हानि को धीमा करने में मदद मिल सकती है।
एनीमिया के जोखिम को कम करने के लिए
कच्चा और पका हुआ दोनों ही तरह के पालक आयरन के अच्छे स्रोत होते हैं हालांकि पके हुए पालक का सेवन करने से आपके शरीर को इस के पोषक तत्वों को आसानी से अवशोषित करने में मदद मिलती है हरी पत्तेदार सब्जियां विशेष तौर पर गहरे हरे रंग की नानहेमे आयरन की अच्छी स्त्रोत होती है।
विटामिन सी आपके पेट में आयरन के अवशोषित करने में मदद करता है पत्तेदार साग और पालक बालों को ऐसे खाद्य पदार्थों के साथ सेवन करने से जिनमें विटामिन सी होता है आयरन के अवशोषण को बढ़ा सकते हैं।
पालक के नुकसान/ सम्भावित जोखिम
पालक का अत्यधिक सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। पालक के स्वास्थ्य लाभ होने के साथ-साथ इसके संभावित दुष्प्रभाव भी हैं
खनिज तत्वों का पर्याप्त अवशोषण ना हो पाना
ज्यादा मात्रा में पालक का सेवन करने से शरीर की खनिज तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता में रूकावट आ सकती है। पालक में मौजूद ऑक्सालिक एसिड, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों को पर्याप्त मात्रा में अवशोषित नहीं कर पाता है।
रक्त के थक्के बनने में बदलाव
पालक में उच्च मात्रा में विटामिन K होता है। विटामिन K रक्त को पतला रखने की प्रभावशीलता को कम करता है।
सामान्यता स्ट्रोक की शुरुआत को रोकने के लिए रक्त का पतला होना आवश्यक है, इसलिए अति संवेदनशील व्यक्तियों को पालक का कम सेवन करना चाहिए।
यदि आप एंटी-कोअगुलिंग ( थक्का रोधी ) दवा वारफारिन का सेवन कर रहे हैं, तो आपको पालक का सेवन नहीं करना चाहिए।
पालक में मौजूद विटामिन K तत्व थक्का रोधी दवा के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है और इसकी क्रिया को प्रभावित कर सकता है।
किडनी की पथरी
पालक में उच्च मात्रा में प्यूरीन होता है जो अधिक मात्रा में सेवन करने से यूरिक एसिड में बदल जाता है। ज्यादा मात्रा में यूरिक एसिड किडनी में कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाता है। जिससे किडनी में पथरी बन सकती है।
पालक को पकाने या उबालने से ऑक्सलेट की सांद्रता थोड़ी कम हो सकती है। पालक में मौजूद ऑक्सलेट एसे योगिक होते हैं, जो मानव प्रणाली में पथरी का निर्माण कर सकते हैं। यदि इन्हें अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है।
हालांकि प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक स्थिति अलग-अलग होती है और प्रतिक्रिया दूसरे व्यक्ति से अलग हो सकती है।
एलर्जी प्रतिक्रिया
पालक में हिस्टामाइन होता है जो कुछ लोगों में मामूली स्यूडोलेरर्जिक प्रभाव अथवा एलर्जी की प्रतिक्रिया कर सकती है।
हिस्टामाइन एक रसायन है जिसका उत्पादन हमारे शरीर में स्वाभाविक रूप से उत्पादन होता है। ये कुछ खाद्य पदार्थों में भी है पाया जाता है।
एक स्वस्थ खाद्य पदार्थ मेहिस्टामाइन का स्तर मध्यम होता है। कुछ खाद्य पदार्थों में हिस्टामाइन का स्तर उच्च होता है, जो शरीर में नकारात्मक लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं।
गठिया की समस्या
पालक के उच्च मात्रा में प्यूरीन होने के कारण घटिया का दर्द बढ़ सकता है। जोड़ों का दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है।
यदि आप गठिया का इलाज कर रहे हैं करवा रहे हैं तो कृपया अपने चिकित्सक से पालक के सेवन की मात्रा के बारे में बात करें। पत्तेदार हरी सब्जियों या पालक कुछ दवाओं के साथ हस्तक्षेप कर सकते हैं।
पेट की समस्या
बहुत ज्यादा मात्रा में पालक का सेवन करने से निम्न लक्षण आ सकते हैं
- गैस की समस्या
- पेट में सूजन
- पेट में ऐंठन
- पेट में दर्द
- दस्त
महत्वपूर्ण
हालांकि इन प्रभावों की पुष्टि करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है। इसलिए यदि आप रक्त शर्करा या रक्तचाप का इलाज करवा रहे हैं, तो अपने आहार में पालक को शामिल करने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
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