अल्जाइमर के लक्षण, कारण, जोखिम, जटिलताएं और चरण | alzheimer ke lakshan, Karan, jokhim, jatiltaye aur charan
अल्जाइमर रोग एक तंत्रिका सम्बन्धी स्थति है जो महत्वपूर्ण मानसिक कार्यो को हानि पहुँचाती है। इसमें व्यक्ति की याददाश्त कमजोर हो जाती है और वो चीजों को भूलना शुरू कर देता है।
अल्जाइमर रोग एक ऐसा प्रगतिशील विकार है, जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाएं दूर हो जाती है और मर जाती है।
अल्जाइमर रोग में सोच व्यवहार और सामाजिक कौशल में लगातार गिरावट आती है, इसके कारण किसी व्यक्ति की स्वतंत्र रूप से कार्य करने की क्षमता बधित हो जाती है।
अल्जाइमर में समय के साथ लक्षण खराब होते जाते है। अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति परिवार के सदस्यों को नहीं पहचान पाते हैं। आगे चलकर वे आक्रामक हो सकते हैं और घर से दूर भटक सकते हैं।
अल्जाइमर रोग के शुरुआती लक्षणों में रोगी हाल ही में हुई घटनाओं या बातचीत को भूल सकते हैं। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, इस रोग वाला व्यक्ति गंभीर स्मृति हानि विकसित करने लगता है और रोज के कार्यों को करने की क्षमता खो देता है।
अल्जाइमर रोग के मुख्य तथ्य
अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है, लेकिन उपचार से इस रोग के लक्षणों को धीमा कर सकते हैं और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
अल्जाइमर और डिमेंशिया दोनों एक ही बात नहीं है। अल्जाइमर रोग एक तरह का पागलपन है।
डिमेंशिया एक ऐसा रोग हो जो स्मृति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है जबकि अल्जाइमर मस्तिष्क की एक प्रगतिशील बीमारी है जो धीरे-धीरे स्मृति और संज्ञानात्मक हानि का कारण बनती है।
इसके सटीक कारण ज्ञात नहीं है और इलाज उपलब्ध नहीं है।
अल्जाइमर रोग एक पुरानी चल रही स्थिति है इस रोग के लक्षण धीरे-धीरे आते हैं।
यह रोग किसी भी व्यक्ति को हो सकता है लेकिन कुछ लोगों को इस रोक के अधिक जोखिम होते हैं। इनमें 65 वर्ष आयु से अधिक के व्यक्ति और पारिवारिक इतिहास वाले लोग शामिल है।
अल्जाइमर रोग वाले लोगों के लिए कोई अपेक्षित परिणाम नहीं होते हैं। कुछ लोग इसके संज्ञानात्मक क्षति के साथ लम्बे समय तक रहते हैं, जबकि अन्य लक्षणों और रोग की तेज प्रगति का अनुभव करते हैं।
ज्यादातर लोगों में अल्जाइमर रोग अनुवांशिक, जीवनशैली, और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन से होता है, जो समय के साथ मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं।
अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण
अल्जाइमर का प्रभाव सभी रोगियों पर अलग-अलग पड़ता है बीमारी के शुरुआती लक्षण कुछ इस तरह से हो सकते हैं।
समस्याओं की योजना बनाने या हल करने में असमर्थता
मासिक बिलों को ट्रैक करने, सरल गणित समस्याओं को हल करने में समस्या होना या अधिक समय लगना एक संकेत हो सकता है।
उन चीजों को याद रखने में कठिनाई होती है जो अभी अभी हुई है
घटनाओं और तारीखों को भूल जाना, एक ही जानकारी के लिए बार-बार पूछना, दैनिक कार्यों को याद रखने के लिए नोट्स का उपयोग करना इत्यादि
मनोदशा और व्यक्तित्व में बदलाव
अल्जाइमर रोग भ्रम, चिंता, अवसाद,तनाव अथवा संदेह पैदा कर सकता है।
सामाजिक कार्य या गतिविधियों में भाग नहीं लेना
काम को पूरा करने में असफल होना, अपने मनपसंद शौक छोड़ना, सामाजिक स्थितियों से बचना आदि
साधारण कार्यों को पूरा करने में परेशानी
एक परिचित जगह पर ड्राइविंग करने में परेशानी, किसी पसंदीदा खेल के नियम भूल जाना अथवा साधारण भोजन को बनाने में परेशानी का एहसास करना।
सही निर्णय न ले पाना
उदाहरण के लिए गलत वित्तीय फैसले लेना, साफ सफाई की आदत छूटना अथवा इस पर ध्यान न देना, रोजमर्रा की स्थितियों में उचित निर्णय लेने की क्षमता में गिरावट आ जाती है, ऐसे कपड़े पहनना जो मौसम के हिसाब से अनुपयुक्त हो
मौसम तारीख और समय का अंदाजा न रहना
बातचीत करने में समस्या
शब्दावली के साथ चुनौतियां, गलत नाम से चीजों को याद रखना, बातचीत करने या बातचीत में शामिल होने में असमर्थता और बातों को बार-बार दोहराना।
नजरों की समस्या
रंगो और विरोधाभासो की पहचान करने में समस्या, दूरी का अंदाजा लगाने या पढ़ने में कठिनाई होना और खराब ड्राइविंग इस रोग का परिणाम हो सकता है।
अल्जाइमर के जोखिम
कुछ चीजें ऐसी होती है जिनसे अल्जाइमर होने की संभावना बढ़ जाती है।
उम्र
जैसे जैसे आपकी आयु बढ़ती है अल्जाइमर होने का जोखिम बढ़ता जाता है। ज्यादातर यह अल्जाइमर का जोखिम 60 से 65 वर्ष की आयु के बाद बढ़ जाता है।
परिवार का इतिहास
जिन लोगों के माता पिता या भाई बहन को अल्जाइमर हुआ हो उन्हें यह रोग होने की संभावना होती है।
लिंग
पुरुषों की तुलना में यह रोग महिलाओं को ज्यादा होता है।
डाउन सिंड्रोम
यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा क्यों होता है लेकिन जिन लोगों को डाउन सिंड्रोम होता है, उनमें ज्यादातर अथवा 40 की आयु में अल्जाइमर हो जाता है।
सिर पर चोट
कुछ शोधों से यह पता चला है कि सिर पर बड़ी चोटों से अल्जाइमर हो सकता है।
अन्य कारक
सोने में समस्या, जीवनशैली, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रोल का स्तर इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
अल्जाइमर के चरण
अल्जाइमर को मुख्यतः तीन चरणों में बांटा जा सकता है।
अल्जाइमर रोग कोई भी लक्षण के स्पष्ट रूप से सामने आने से पहले शुरू हो जाता है इस चरण को प्रीक्लिनिकल अल्जाइमर रोग कहा जाता है।
हल्का संज्ञानात्मक क्षीणता | Mild cognitive impairment
हल्की संज्ञानात्मक हाानि ( MCI ), स्मृति और सोचने की क्षमता सहित संज्ञानात्मक क्षमताओं में मामूली लेकिन कम और औसत दर्जे की गिरावट का कारण बनती है। इससे व्यक्ति में अल्जाइमर होने का खतरा और बढ़ जाता है।
डिमेंशिया | Dementia अथवा पागलपन
इस चरण में रोगी में स्मृति, सोच और व्यवहार से संबंधित समस्याएं दिखने लगती है। लक्षण आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते हैं और समय के साथ और खराब हो जाते हैं। इस चरण में व्यक्ति दैनिक कार्यों को करने में भी असमर्थ हो जाता है।
अल्जाइमर के परीक्षण
अल्जाइमर रोग के निदान के लिए कोई एक परीक्षण नहीं है। इसके इलाज के लिए और अन्य संभावित कारणों का पता लगाने के लिए रोगी के चिकित्सा इतिहास का पूर्ण मूल्यांकन करना होता है। इसलिए सही तरीके से इस रोग का निदान प्राप्त करने के लिए विभिन्न तरह के परीक्षणों को करने की आवश्यकता होती है, जो इस प्रकार हो सकते हैं।
चिकित्सा इतिहास की जांच
मानसिक परीक्षण
सिटी स्कैन
एमआरआई
अल्जाइमर रोग की जटिलताएं
मूत्राशय और आंतों की समस्याएं
जैसे जैसे रोग बढ़ता है व्यक्ति मल मूत्र त्यागने की आवश्यकता को महसूस नहीं कर पाता है। वह भ्रमित होने लगता है और कहीं पर भी मल मुत्र का त्याग कर सकता है।
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तनाव या अवसाद
इसके निम्न लक्षण हो सकते हैं।
नींद की समस्या
किसी भी चीज पर मुश्किल से ध्यान दे पाना
मनोदशा में परिवर्तन आदि
बेचैनी और डर
जब रोग बढ़ता है तो रोगी में परिस्थितियों को समझने की क्षमता में कमी आ जाती है। वह भ्रम की स्थिति को नहीं समझ पाते हैं और भयभीत और बेचैन हो जाते हैं।
शारीरिक संतुलन बिगड़ना
अल्जाइमर रोग के कारण व्यक्ति का शारीरिक संतुलन प्रभावित हो सकता है। अल्जाइमर रोग जैसे-जैसे बढ़ता है, व्यक्ति का संतुलन बिगड़ने और गिरने का डर बना रहता है। इस प्रकार संतुलन बिगड़ने और गिरने से शरीर की हड्डियां टूट सकती है या फिर सिर में कोई गम्भीर चोट लग सकती है।
संक्रमण
अल्जाइमर रोग में व्यक्ति सामान्य कार्य करने में अपना नियंत्रण नहीं रख पाते हैं। वे यह भी भूल सकते हैं कि खाना कैसे चबाएं या निगले। इसके अलावा वे साफ सफाई नहीं रख पाते जिससे कई तरह के संक्रमण हो सकते हैं।
कुपोषण और निर्जलीकरण
अल्जाइमर रोग बढ़ जाने पर व्यक्ति खाने-पीने की चीजों के लिए मना कर सकता है। इसके अलावा निगलने में परेशानी होने पर खाना-पीना छोड़ सकते हैं।
भटकना
अल्जाइमर रोग में व्यक्ति के नींद में कमी और बेचैनी हो सकती है। जिसके परिणाम स्वरुप वह घर से बाहर जा सकते हैं, यह सोच कर कि वे कोई काम पर जा रहे हैं।
अल्जाइमर का इलाज
अल्जाइमर का कोई इलाज नहीं है।दवाएं लक्षणो को कुछ समय के लिए खराब होने से बचाने में मदद कर सकती हैं।
एक स्वास्थ्य जीवनशैली अपना कर इस रोग के खतरे को कम कर सकते है।
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