नमक के फायदे और नुकसान | Namak ( salt ) benefits and side effects in hindi
भोजन में नमक लगभग सभी को पसंद होता है। कुछ लोगों को कम नमक वाला भोजन पसंद होता है और कुछ लोगों को ज्यादा मात्रा में नमक खाना पसंद होता है।
नमक सोडियम का सबसे अच्छा स्रोत है। सोडियम हमारे खाए गए भोजन को पचाने में सहायक होता है तथा साथ ही यह पाचन तंत्र के स्वास्थ्य को भी सही रखता है।
वयस्कों के लिए प्रतिदिन 5 ग्राम से कम नमक का सेवन रक्तचाप, हृदयरोग, स्ट्रोक और कोरोनरी हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने में सहायक है।
नमक को सोडियम क्लोराइड के नाम से भी जाना जाता है। नमक में 40% सोडियम और 60% क्लोराइड पाए जाते हैं। [1■]
नमक को सोडियम क्लोराइड के नाम से भी जाना जाता है। नमक में 40% सोडियम और 60% क्लोराइड पाए जाते हैं। [1■]
टेबल नमक में आयोडीन होता है। इसके अलावा नमक की कुछ किस्मों में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम और जिंक की मात्रा होती है।
क्या ज्यादा नमक खाने से पेट का कैंसर हो सकता है?
पेट के कैंसर को गैस्ट्रिक कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। भोजन में नमक की ज्यादा मात्रा खाने से आपको पेट का कैंसर हो सकता है।
नमक के कारण पेट में उपस्थित हेलीकोबेक्टर पिलोरी बैक्टीरिया सूजन को बढ़ाते हैं। पेट में इस बैक्टीरिया के बढ़ने से कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है।
कम नमक खाने वालों की तुलना में अधिक नमक का सेवन करने वाले व्यक्तियों में कैंसर का 68% अधिक खतरा होता है।
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कई अवलोकन संबंधी अध्ययन ज्यादा नमक के सेवन को पेट के कैंसर के खतरे से जोड़ते हैं। हालांकि इनसे यह साबित नहीं होता कि ज्यादा नमक खाने से पेट का कैंसर होता ही है।
बहुत ज्यादा नमक खाने से स्वास्थ्य को क्या खतरा है ?
ज्यादा नमक का सेवन करने पर ये संकेत दिख सकते हैं
- लगातार पेशाब लगना
- लगातार प्यास लगना
- सूजन
- भोजन में अरुचि
- बार-बार हल्का सिरदर्द
- नमकीन खाद पदार्थ खाने की इच्छा
ह्रदय स्वास्थ्य को नुकसान
जब आप बहुत अधिक नमक का सेवन करते हैं, तो आपका शरीर इस अधिक सोडियम को घोलने के लिए अधिक पानी रखें रखता है।
आपके शरीर में अतिरिक्त पानी रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है। जिसके परिणाम स्वरुप उच्च रक्तचाप हो सकता है।
पोटेशियम आपके शरीर से सोडियम को बाहर निकालने में मदद करता है। ज्यादा सोडियम भोज्य पदार्थों के साथ कम पोटेशियम वाले आहार से ह्रदय रोग का खतरा ज्यादा होता है।
ज्यादा नमक का सेवन उन दवाओं के साथ भी हस्तक्षेप कर सकता है, जो उच्च रक्तचाप के इलाज में मदद करती है।
जल प्रतिधारण को बढ़ाता है
बहुत ज्यादा नमक के सेवन करने से आपके रक्त प्रवाह में सोडियम का स्तर बढ़ जाता है। सोडियम की अधिक मात्रा के प्रबंधन के लिए शरीर को अधिक पानी की आवश्यकता होती है। इसलिए शरीर ज्यादा मात्रा में पानी को रोक कर रखता है।
इसे इस प्रकार भी समझ सकते हैं कि यदि आप बहुत ज्यादा नमक खाते हैं तो आपके गुर्दे रक्त प्रवाह से अतिरिक्त सोडियम को छानने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। इस तरह से आपके शरीर में सोडियम का निर्माण होता है और सोडियम को पतला करने के प्रयास में आपका शरीर अधिक पानी रोके रखता है।
इस प्रकार गुर्दे मूत्र का निर्माण कम मात्रा में करते हैं। उस पानी के शरीर में रहने से शरीर के विभिन्न हिस्सों में सूजन आ सकती है, जिसे एडिमा कहते हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम
बहुत अधिक नमक खाने से अधिक मात्रा में कैल्शियम आपके शरीर से पेशाब के माध्यम से बाहर निकलता है। यदि आपके भोजन में उचित मात्रा में कैल्शियम नहीं है तो आपको ऑस्टियोपोरोसिस और इसके जैसी हड्डियों की समस्या हो सकती है।
डिहाईड्रेशन
ज्यादा नमक खाने से निर्जलीकरण हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शरीर सोडियम और पानी के अनुपात को बनाए रखने का प्रयास करता है। बहुत ज्यादा पानी पीने से एडिमा और रक्तचाप की समस्या में तेजी आ सकती है। यदि पर्याप्त मात्रा में पानी शरीर को नहीं मिलता है, तो शरीर कोशिकाओं से पानी लेने लगता है।
किडनी की पथरी
उच्च नमक आहार किडनी की पथरी के लिए एक जोखिम कारक होता है। किडनी की पथरी का मुख्य घटक मुत्र कैल्शियम होता है, जो ज्यादा नमक के सेवन से बढ़ सकता है।
कई अध्ययनों से यह पता चला है कि नमक की खपत कम करके कैल्शियम उत्सर्जन को कम किया जा सकता है। इस प्रकार किडनी की पथरी की पुनरावृत्ति को कम किया जा सकता है।
ज्यादा नमक खाने से स्वास्थ्य पर कई बुरे प्रभाव होते हैं उसी प्रकार कम नमक के सेवन से भी स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव देखे जा सकते हैं।
कम नमक खाने के नुकसान
डायबिटीज
कुछ अध्ययनों से यह पता चला है कि यदि हम सोडियम युक्त आहार कम लेते हैं तो इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ सकता है। इससे शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।
अध्ययनों से यह भी सिद्ध हो चुका है कि नमक की कमी का सीधा संबंध इन्सुलिन संवेदनशीलता से होता है। कम नमक खाने पर आप सोडियम की पर्याप्त मात्रा नहीं ले सकते हैं। इस कारण आप टाइप 2 डायबिटीज के रोगी बन सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल
कम नमक खाने वाले व्यक्तियों में कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर सामान्य व्यक्तियों की तुलना में अधिक होता है।
स्वस्थ लोगों में अध्ययन की समीक्षा में पाया गया है कि कम सोडियम आहार खराब कोलेस्ट्रोल में 4.6 प्रतिशत वृद्धि और ट्राईग्लीसेराइड में 5.9% की वृद्धि का कारण बन सकता है
शोध में पाया गया है कि भोजन में नमक की मात्रा कम करने से खराब कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ सकते हैं। यह ह्रदय रोगों के लिए सामान्य जोखिम कारक है।
अवसोडियम रक्तता ( HYPONATREMIA )
यह अवस्था तब पैदा होती है, जब रक्त में सोडियम का स्तर बहुत कम हो जाता है। ऐसी परिस्थिति में शरीर में बहुत अधिक मात्रा में पानी जमा हो जाता है। इससे रक्त में सोडियम की मात्रा कम हो जाती है।
हाइपोनेट्रिमिया एक ऐसी स्थिति है, जब शरीर में सोडियम का स्तर बहुत कम हो जाता है। सोडियम एक इलेक्ट्रोलाइट है, जो कोशिकाओं में और उनके आसपास पानी की मात्रा को प्रबंधन करने में मदद करता है।
अवसोडियम रक्तता के लक्षण
- मतली और उल्टी
- बेचैनी
- ऊर्जा में कमी
- मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी
- मिर्गी का दौरा
- लगातार सिरदर्द
- बेहोशी या कोमा की स्थिति
नमक के फायदे
शरीर को हाइड्रेट रखता है
नमक स्वस्थ हाइड्रेशन स्तर और इलेक्ट्रोलाइट संतुलन को बढ़ावा देता है। यह अंगों को ठीक से काम करने के लिए आवश्यक है। आप की कोशिकाओं को और मांसपेशियों को पानी की आवश्यकता होती है। नमक आप के इन हिस्सों में तरल पदार्थों की सही मात्रा बनाए रखने में मदद करता है।
आपके भोजन में अधिक मात्रा में सोडियम स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। हालांकि नमक को पूरी तरह से छोड़ना जरूरी नहीं है। सोडियम एक महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट है, जो पोटेशियम क्लोराइड के साथ मिलकर आपके शरीर की कोशिकाओं तक पानी पहुंचाने में मदद करता है।
थाइरॉइड फंक्शन को सही तरीके से कार्य करने में मदद करता है
आयोडीन की कमी वाले लोगों को हाइपोथायरायडिज्म का खतरा हो सकता है। यदि आप में आयोडीन की कमी है तो आप आहार में आयोडीन युक्त टेबल नमक या समुद्री शैवाल, मछली और अंडे जैसे आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ लेने चाहिए।
आपका थायराइड चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आपके थायराइड को ठीक से काम करने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है।
निम्न रक्तचाप से रोकता है
आपके भोजन में सोडियम की कम मात्रा निम्न रक्तचाप (हाइपोटेंशन) को उत्पन्न कर सकती है।
निम्न रक्तचाप के लक्षण
- चक्कर आना
- मतली
- बेहोशी
- धुंधली दृष्टि
आमतौर पर विशेषज्ञ आपके भोजन में नमक की मात्रा सीमित करने की सलाह देते हैं, क्योंकि सोडियम रक्तचाप को बढ़ा सकता है।
नमक का सेवन लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है। कुछ लोगों के लिए सोडियम के सेवन से थोड़ी सी वृधि भी गुर्दे की तरल पदार्थ को नियंत्रण करने की क्षमता पर बुरा प्रभाव डालती है, जबकि कुछ लोग रक्तचाप पर कोई प्रभाव नहीं डालते हुए सोडियम का सेवन कर सकते हैं।
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