डिम्बग्रंथि कैंसर के लक्षण और संकेत | Dimbgranthi cancer ke lakshan aur sanket
डिंबग्रंथि (ovarian) स्त्री प्रजनन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण भाग है। यह ग्रंथि महिलाओं में गर्भाशय के दोनों ओर स्थित होती है।
यह ग्रंथि देखने में बादाम के आकार की होती है। इसके ऊपर ही डिंबग्रंथियों की तंत्रिकाए होती है, जो अंडों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
डिंबग्रंथियों का प्रमुख काम अंडे बनाना, उत्तेजित द्रव और हार्मोन बनाना होता है। महावारी के बाद हर महीने डिंब बनते हैं और छोड़ जाते हैं। जो शुक्राणुओं से मिलकर गर्भधारण करते हैं।
डिंबग्रंथि के कैंसर अंडाशय के अलग-अलग भागों में हो सकते हैं। डिंब ग्रंथि कैंसर में असामान्य कोशिकाएं शरीर के अन्य स्वस्थ भागों में फैल जाती है और उन पर आक्रमण करने लगती है। इस तरह का कैंसर कभी भी हो सकता है लेकिन 50 वर्ष की आयु या उसके बाद की उम्र की महिलाओं में यह बीमारी सामान्यतः ज्यादा दृष्टिगोचर होती है।
बढ़ती उम्र की महिलाओं में डिंब ग्रंथि कैंसर एक आम समस्या बनती जा रही है। ज्यादातर महिलाओं में इस रोग का उपचार और निदान तीसरी या चौथी स्टेज में हो पाता है क्योंकि ज्यादातर लक्षणों को पहचानना मुश्किल होता है। यह लक्षण अस्पष्ट हो सकते हैं।
डिंबग्रंथि कैंसर के लक्षण ( Symptoms of ovarian cancer )
यह भी पढें:-प्रोटेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण और कारण
प्रारंभिक चरण में इस तरह के कैंसर के लक्षण स्पष्ट तोर पर नहीं होते। इसलिए पता लगाना मुश्किल हो सकता है। ज्यादातर लक्षण पेट संबंधित होते हैं जिन्हें सामान्य समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
पेट पर लगातार सूजन रहना
खाना खाते समय जल्दी से पेट भरने का अनुभव होना बार-बार पेशाब लगना
खाना खाने में समस्या
पेट में दर्द और बेचैनी महसूस होना
इस तरह के लक्षण अचानक दिख सकते हैं लेकिन यह लक्षण सामान्य महावरी दर्द या पेट की सामान्य परेशानी हो सकते हैं। इसी क्रम में डिंबग्रंथि के कैंसर के अन्य लक्षणों को भी देखा जा सकता है। यह सभी लक्षण 2 सप्ताह से अधिक देखने पर आपको चिकित्सक के पास जाना चाहिए।
कमर के नीचे दर्द होना
कब्ज और खट्टी डकार आना
असामान्य थकान
संभोग करते समय दर्द होना
वजन घटना या बढ़ना
योनि से रक्त आना
अत्यधिक पीठ दर्द
डिंबग्रंथि कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन जिन महिलाओं में मोनोपॉज हो चुका है, उन्हें इस बीमारी के होने की संभावना सर्वाधिक होती है। शोधकर्ता अभी तक यह नहीं जान पाए हैं कि डिंबग्रंथि कैंसर का निश्चित कारण क्या है। विभिन्न प्रकार के कारकों के प्रभाव के कारण एक महिला में डिंबग्रंथि कैंसर की संभावना हो सकती है लेकिन उन जोखिम कारकों का यह मतलब नहीं कि कैंसर का निर्माण होगा ही।
डिंबग्रंथि कैंसर के कारण
ज्यादातर डिंबग्रंथि कैंसर 60 वर्ष की उम्र या उससे अधिक उम्र की महिलाओं में पाए गए हैं।
डिंबग्रंथि कैंसर होने की संभावित आयु
0 - 2 अत्यन्त दुर्लभ
3 -5 अत्यन्त दुर्लभ
6 -14 बहुत दुर्लभ
14 -18 बहुत दुर्लभ
19 -40 दुर्लभ
41 - 60 सामान्य
60 + सामान्य
डिंब ग्रंथि कैंसर अनुवांशिक भी हो सकता है।
जिन महिलाओं में मासिक धर्म कम उम्र में शुरू हो जाते हैं और जिन महिलाओं में मोनोपोज़ देरी से हो तो दोनों ही परिस्थितियों में जोखिम बढ़ जाता है।
जिन महिलाओं में पहले स्तन कैंसर का इलाज हो चुका हो उनमें यह कैंसर हो सकता है।
फर्टिलिटी ट्रीटमेंट, हार्मोन रिप्लेसमेंट ट्रीटमेंट, या एडोमेट्रियोसिस का निदान किया गया है उनमें यह कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
डिंबग्रंथि कैंसर कुछ प्रकार
एपिथेलियल डिंबग्रंथि कैंसर
अंडाशयी टेराटोमा
प्राइमरी पेरिटोनियल कैंसर
अंडाशय ग्रैनुलोसा ट्यूमर
फैलोपियन ट्यूब कैंसर
बार्डरलाइन डिंबग्रंथि ट्यूमर
डिंबग्रंथि कैंसर के इतिहास को देखकर चिकित्सक इस प्रकार की कुछ या सभी जांचे करवाने की सलाह दे सकता है।
रक्त जांच
CA125 के स्तर की जांच
एच सी जी के स्तर की जांच
अल्फा फेटोप्रोटीएन की जांच
लेक्टेट डिहाईड्रोजनेज स्तर की जांच
इन्हिबिन, एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन दर की जांच बायोप्सी
इमेजिंग टेस्ट्स
(i)सी टी स्कैन
(ii) एम आर आई
(iii) पी ई टी स्कैन
मेटास्टासिस जांच
(i) मुत्र जांच
(ii) चेस्ट x-ray
(iii) बेरियम एनीमा
0 टिप्पणियाँ