जानिए मधुमेह ( डायबिटीज ) होने के कारण और लक्षण | Janiye madhumeh ( Diabetes ) hone ke Karan aur lakshan
अव्यवस्थित जीवन शैली और अशुद्ध भोजन करने के कारण हम कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। इसी क्रम में मधुमेह आजकल सबसे ज्यादा प्रचलित रोगो में से एक है।
आधुनिक सभ्यता में आराम पसंद जीवन शैली, रिफाइंड ×भोज्य पदार्थ, पोलिश किए हुए भोज्य पदार्थ, और भोजन में फाइबर की कमी के कारण मधुमेह के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जो रक्त शर्करा को ग्लूकोज के रूप में प्रोसेस करने के तरीके को प्रभावित करती है। ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट भोज्य पदार्थों से आता है जैसे चावल, फल, रोटी, दूध, दही, स्टार्ट वाली सब्जियां यदि।
इस तरह के भोज्य पदार्थों का सेवन किया जाता है तो, रक्त ग्लूकोज को शरीर के प्रत्येक हिस्से तक पहुंचाता है। जहां यह ऊर्जा में बदलकर कोशिकाओं को पोषण देता है।
इस ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता होती है। जिसका निर्माण अग्नाशय में होता है। जब अग्नाशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं करता तो ग्लूकोज के ऊर्जा में परिवर्तित नहीं होने के कारण रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है। इसी स्थिति को मधुमेह कहते हैं।
आधुनिक सभ्यता में आराम पसंद जीवन शैली, रिफाइंड ×भोज्य पदार्थ, पोलिश किए हुए भोज्य पदार्थ, और भोजन में फाइबर की कमी के कारण मधुमेह के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
मधुमेह एक ऐसी स्थिति है जो रक्त शर्करा को ग्लूकोज के रूप में प्रोसेस करने के तरीके को प्रभावित करती है। ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट भोज्य पदार्थों से आता है जैसे चावल, फल, रोटी, दूध, दही, स्टार्ट वाली सब्जियां यदि।
इस तरह के भोज्य पदार्थों का सेवन किया जाता है तो, रक्त ग्लूकोज को शरीर के प्रत्येक हिस्से तक पहुंचाता है। जहां यह ऊर्जा में बदलकर कोशिकाओं को पोषण देता है।
इस ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलने के लिए इंसुलिन की आवश्यकता होती है। जिसका निर्माण अग्नाशय में होता है। जब अग्नाशय पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण नहीं करता तो ग्लूकोज के ऊर्जा में परिवर्तित नहीं होने के कारण रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है। इसी स्थिति को मधुमेह कहते हैं।
मधुमेह इस प्रकार के हो सकते हैं
टाइप 1 मधुमेह
इस प्रकार के मधुमेह में अग्नाशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल हो जाता है अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह क्यों होता है।
टाइप 2 मधुमेह
इस प्रकार का मधुमेह तब होता है जब आपका शरीर इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाता है और रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।
महिलाओं में गर्भावधि मधुमेह
इस प्रकार का मधुमेह महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान होता है। गर्भावस्था में उत्पन्न हार्मोन महिलाओं की इंसुलिन की प्रतिरोधकता को बढ़ा देते हैं जिससे ग्लूकोज साम्यता में कमी आती है। गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं में रक्त शर्करा बढ़ जाती है। गर्भनाल अपने कार्यों के अलावा कई अन्य हार्मोन भी उत्तेजित करता है जिसके कारण इंसुलिन का उत्पादन बधित हो जाता है।
प्रीडायबिटीज
प्रीडायबिटीज वह स्थिति है जब रक्त शर्करा की मात्रा खतरे के निशान के करीब ही होती है। समय रहते पता चलने पर यह ठीक हो सकती है। यह टाइप 2 मधुमेह के खतरे को बढ़ा देती है। टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों को लगभग हमेशा पहले प्रिडायबिटीज होता है।
मधुमेह के लक्षण
मधुमेह के सामान्य लक्षण
अधिक और बार बार भूख लगना
अधिक और बार-बार प्यास लगना
बार बार पेशाब आना
वजन घटना या बढ़ना
नजर धुंधली होना
घाव ठीक ना होना या जल्दी ठीक ना होना
अत्यधिक थकान का अनुभव
हाथ पैरों में सुन्नता
जी मचलना
मधुमेह के सामान्य लक्षणों के अलावा पुरूषो में मधुमेह के लक्षण
स्तंभन दोष ( नपुसंकता )
कामेच्छा में कमी और यौन रोग
टेस्टोस्टेरोन का कम उत्पादन
प्रतिगामी स्खलन
महिलाओं में मधुमेह के लक्षण
महिलाओं और पुरुषों में मधुमेह के सामान्य लक्षण एक समान होते हैं, हालांकि महिलाओं में मधुमेह के कुछ लक्षण और जटिलताएं भिन्न है।
योनि संक्रमण
योनि में खुजली और दर्द
योनि में स्त्राव
संभोग करते समय दर्द
संभोग करते समय दर्द
मौखिक संक्रमण
मुंह में सफेद धब्बे
मसूड़ों का लाल होना
अन्दरूनी गालों पर सूजन
खाने को निगलने में परेशानी
खराश
गर्भावधि मधुमेह के लक्षण
गर्भावधि मधुमेह के सामान्यतः बहुत कम लक्षण होते हैं। आमतौर पर रक्त शर्करा परीक्षण अथवा मौखिक ग्लूकोज सहिष्णुता की जांच के दौरान स्थिति का वास्तविक पता चलता है। ज्यादातर इस तरह के परीक्षण 24वें और 28वें सप्ताह में गर्भ के बीच किया जाता है। दुर्लभ मामलों में निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
बहुत जल्दी थक जाना
बार-बार प्यास लगना
जी मचलना
धुंधला दिखाई देना
बार-बार पेशाब लगना
मूत्राशय या योनि संक्रमण
मधुमेह के कारण
टाइप 1 मधुमेह के कारण
चिकित्सकों को टाइप वन डायबिटीज के कारणों का अभी तक पता नहीं है। हालांकि टाइप 1 मधुमेह वाले अधिकांश लोगों में शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र ( जो हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से लड़ता है ) गलती से अग्नाशय में इंसुलिन के उत्पादन करने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। इस तरह के मधुमेह में जीन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सामान्यतः उन मरीजों में जिन्हें बचपन या किशोरावस्था में यह रोग हो जाता है।
टाइप 2 मधुमेह के कारण
सामान्यत: टाइप 2 मधुमेह आनुवांशिक और जीवन शैली कारकों के संयोजन से उपजा हुआ रोग है।
जोखिम कारक जिनसे खतरा बढ़ जाता है। :-
आनुवांशिकता- परिवार में किसी को टाइप 2 मधुमेह है तो यह रोग आपको भी होने की आशंका है।
उम्र- सामान्यतः 40 45 वर्ष की उम्र के बाद इस तरह का मधुमेह होने का जोखिम बढ़ जाता है।
मोटापा- सामान्य से अधिक वजन बढ़ना टाइप 2 मधुमेह के खतरे को बढ़ा देता है हालांकि यह जरूरी नहीं कि ज्यादा वजन होने पर टाइप 2 मधुमेह होता ही है।
शारीरिक सक्रियता में कमी- शारीरिक रूप से कम सक्रियता या व्यायाम नहीं करने से टाइप 2 मधुमेह का खतरा पैदा हो सकता है।
बेली फैट- यदि शरीर के अन्य हिस्सों जैसे पैरो या कूल्हों के बजाय सिर्फ पेट पर अधिक चर्बी जमा होती है तो इस अवस्था में टाइप 2 मधुमेह का जोखिम ज्यादा होत है।
गर्भावधि मधुमेह के कारण
गर्भावधि मधुमेह गर्भावस्था के दौरान हार्मोन परिवर्तनों का परिणाम है। गर्भावस्था के दौरान बच्चे की वृद्धि के साथ इंसुलिन की अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है।
पल्सेन्टा हार्मोन का उत्पादन करता है जो एक गर्भवती महिला की कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रभाव के प्रति कम संवेदनशील बनाता है और यही महिलाओं में गर्भावस्था में उच्च रक्त शर्करा का कारण बन जाता है
गर्भावधि मधुमेह के जोखिम कारक जिनसे खतरा बढ़ जाता है। :-
अधिक वजन
बढ़ती हुई ( उम्र 25 वर्ष की आयु से अधिक )
पिछली गर्भावस्था में इस तरह का मधुमेह होना
9 पाउंड से अधिक के वजन के बच्चे को जन्म दिया हो पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम होने पर ( pcos )
मधुमेह जटिलताएं ( Diabetes complications )
हृदय रोग
रेटिनोपैथी और द्रष्टि हानि
स्ट्रोक
बहरापन
त्वचा में बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण
घाव ठीक नहीं होना या जल्दी ठीक न होना
तनाव
तंत्रिका तंत्र को क्षति
किडनी में खराबी
पैरों में तंत्रिका क्षति या खराब रक्त प्रवाह से पैरों में विभिन्न जटिलताओं का खतरा
अल्जाइमर रोग
गर्भावधि मधुमेह की जटिलताएं
गर्भावधि मधुमेह वाली महिलाओं के बच्चों में जटिलताएं कभी-कभी गर्भावधि मधुमेह वाली माताओं के बच्चे जन्म के तुरंत बाद कम रक्त शर्करा पैदा करते हैं क्योंकि उनका स्वयं का इंसुलिन उत्पादन अधिक होता है।
समय से पहले जन्म प्रसव
प्रसव के समय शिशु का कंधा फसना
गर्भावधि मधुमेह वाली माताओं के शिशु जन्म के समय ज्यादा वजन के हो सकते हैं।
इस तरह के शिशुओं के जीवन में बाद में टाइप 2 मधुमेह का खतरा हो सकता है।
शिशु की मृत्यु हो सकती है।
गर्भावधि मधुमेह वाली महिलाओं में जटिलताएं
भविष्य में गर्भवती में इसके दोबारा होने की संभावना
उम्र बढ़ने पर टाइप 2 डायबिटीज का खतरा
उच्च रक्तचाप के साथ प्रीक्लेंपसिया की संभावना को बढ़ाता है।
प्रसव कालीन अवसाद
मधुमेह की जांच
किसी भी व्यक्ति में मधुमेह के लक्षण या इस बीमारी का जोखिम है उन्हें चिकित्सक से परीक्षण करवाना चाहिए। चिकित्सक इन परीक्षणों का उपयोग करते हुए मधुमेह का निदान करते हैं।
8 घंटे तक उपवास रखने के बाद उपवास प्लाज्मा ग्लूकोज परीक्षण
पोस्टप्रेडियल ब्लड शुगर टेस्ट ( नाश्ता या खाना खाने के 2 घंटे बाद ) ओरल ग्लूकोज टालरेंस परीक्षण
( i ) पहला FPG परीक्षण रात भर भूखे रहने के बाद
(ii) FPGटेस्ट के बाद मीठा पैय दिया जाता है, इसके 60 मिनट या 2 घंटे के बाद रक्त शर्करा का परीक्षण
रेंडम प्लाजमा ग्लूकोस परीक्षण ( कोई खास वक्त या खाने के संबंधी पाबंदी शामिल नहीं )
HBA1C परीक्षण
फ्रक्टोजामाइन पीक्षण ( ग्लाइकेटेड सीरम प्रोटीन या ग्लाइकेटेड एल्ब्यूमिन )
फ्रक्टोजामाइन पीक्षण ( ग्लाइकेटेड सीरम प्रोटीन या ग्लाइकेटेड एल्ब्यूमिन )
गर्भावधि मधुमेह का निदान करने के लिए चिकित्सक गर्भावस्था के 24 वें और 28 वें सप्ताह के बीच रक्त शर्करा का परिक्षण करता है।
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