अच्छे स्वास्थ्य के लिए खाए ये 9 जडें | achchhe swasthya ke liye khaye ye 9 jade
कई तरह की सब्जियों और मसालों का प्रयोग हम अपने रोज के भोजन में करते हैं। अन्य सब्जियों और मसालो की तरह ही वह भी पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है जो जमीन के नीचे जड़ों के रूप में पाई जाती है। जड़ के रूप में खाई जाने वाली सब्जियों और मसालों का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद है। जिनमें पोषक तत्वों की बडी मात्रा होती है, क्योंकि यह जमीन के नीचे एक बड़ी मात्रा में पौष्टिक तत्वों का अवशोषण करती है। इन जड़ों में एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन सी, बी, ए और आयरन आदि की उच्च मात्रा उपलब्ध होती है। शकरकंद, प्याज, शलजम, हल्दी, अदरक, चुकंदर, मूली आदि जड़े हैं जिन्हें हम खाते हैं। कुछ जडो का वर्णन इसप्रकार है।
1. शकरकंद ( Sweet potato ) के लाभ
शकरकंद खाने में स्वादिष्ट तो होती ही है, साथ ही इसमें अत्यधिक पौष्टिकता भी होती है। यह पेट के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है, क्योंकि इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है।
शकरकंद beta-carotene का एक अच्छा स्रोत है जो शरीर में एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। एंटी ऑक्सीडेंट विभिन्न तरह के कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
शकरकंद आंखों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है क्योंकि इसमें विटामिन ए की मात्रा होती है इसके अलावा शकरकंद में बीटा कैरोटीन भी पाया जाता है।
शकरकंद में मौजूद विटामिन सी हमारी रोग प्रतिरोधक प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
शकरकंद में कैरोटीनाॅयड होने के कारण यह ब्लड शुगर नियंत्रण में यह लाभदायक है, साथ ही इसमें मौजूद विटामिन बी सिक्स के कारण यह डायबिटिक ह्रदय रोगों में लाभदायक है।
शकरकंद में पोटेशियम होता है जो हमारे तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में सहायक है।
2. अरबी ( Taro root ) के लाभ
अरबी में एक विशेष प्रकार का स्टार्च होता है, जिसे प्रतिरोधी स्टार्च के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार यह रक्त शर्करा को नहीं बढ़ाते है। पके हुए अरबी में 12% प्रतिरोधक स्टार्च होते हैं।जो इसके पोस्टिक तत्व में से एक है।
अरबी में पर्याप्त मात्रा में फाइबर होता है शोध में पाया गया है कि जो लोग पर्याप्त मात्रा में फाइबर का सेवन करते हैं उनमें हृदय रोग की दर कम होती है।
अरबी में मौजूद फाइबर और प्रतिरोधी स्टार्ट को आपका शरीर जल्दी पचा या अवशोषित नहीं कर पाता है। इसलिए वे आपके आंतो में ही रहते हैं और अच्छे जीवाणुओं को बढ़ावा देते हैं।
अरबी का सेवन सामान्यता लंबे समय तक चलने वाली ऊर्जा के रूप में एथलीटों द्वारा किया जाता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स ( G I ) होता है, जो एथलीटो के लिए अच्छा होता है।
अरबी में विटामिन ए की बहुत अच्छी मात्रा होती है, साथ ही इसमें पॉलीफेनॉल्स होते हैं जो कैंसर से बचाने में एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।
3. चुकंदर ( Beets ) के लाभ
चुकंदर में अल्फा लिपोइक नाम का एंटी ऑक्सीडेंट होता है। यह योगिक ग्लूकोज के स्तर को कम करने और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इस प्रकार यह डायबिटीज में लाभदायक है।
अपने आहार में चुकंदर को शामिल करके हम अपने फाइबर के सेवन की मात्रा बढ़ा सकते हैं। सुचारू पाचन और आंतों के स्वास्थ्य के लिए फाइबर का सेवन अति आवश्यक है।
चुकंदर आपके रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। शोध में पाया गया है कि जो लोग रोजाना चुकंदर का रस पीते हैं उनमें डायस्टोलिक और सिस्टोलिक दोनों तरह के रक्तचाप कम होते हैं।
चुकंदर में कम कैलोरी होती है और सामान्यतः उसमें वसा भी नहीं होती है। इस प्रकार इसमें पोषक तत्व तो मिलते ही है साथ ही वजन भी नियंत्रण में रहता है।
चुकंदर में पोटेशियम की भी पाया जाता है जो हमारी तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखता है, साथ ही मांसपेशियों को ठीक से काम करने में मदद करता है।
4. अदरक ( Ginger ) के लाभ
अदरक एंजाइम ट्रिप्सिन और अग्नाशयी लाइपेस पर लाभदायक प्रभाव डालता है, जो पाचन के लिए महत्वपूर्ण है। कई अध्ययनों ने यह सिद्ध किया है कि पाचन के दौरान आंतों में बनने वाली गैसों पर अदरक प्रभावी होता है।
शोध से यह सिद्ध हुआ है कि अदरक खाने से ओस्टियोआर्थराइटिस के कारण होने वाली सूजन के इलाज के लिए प्रभावी और सुरक्षित है।
अदरक प्रोटीन या अन्य पोषक तत्व प्रदान नहीं करता है, लेकिन यह एक अच्छे एंटी ऑक्सीडेंट का स्रोत है। इसी कारण से अदरक विभिन्न प्रकार के ऑक्सीडेटिव तनाव को कम कर सकता है।
कीमोथेरेपी के दौर से गुजर रहे कैंसर के रोगियों में अदरक मतली और उल्टी में राहत दे सकता है, लेकिन गर्भावस्था की मतली और मॉर्निंग सिकनेस में सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है।
अदरक से व्यायाम से होने वाली मांसपेशियों के दर्द के खिलाफ प्रभावी बताया गया है, हालाकि अदरक का तत्काल प्रभाव नहीं होता लेकिन यह मांसपेशियों में दर्द के दिन-प्रतिदिन प्रगति को कम करने में सहायक होता है।
5. शलजम ( Turnip ) के लाभ
शलजम आंतों की समस्या को ठीक करने में सहायक होता है, शलजम में भरपूर मात्रा में फाइबर की मात्रा होती है। फाइबर के सेवन से व्रहदांत्र ( colon ) दबाव और सूजन कम हो सकते हैं।
शलजम अपने कुछ पोषक तत्व और कम कैलोरी के लिए जाना जाता है यही गुण इसे आपके स्वस्थ आहार में शामिल करने के लिए प्रेरित करता है।
शलजम में उच्च मात्रा में फ्लेवोनोइड्स होते हैं, जो एक प्रकार का एंटी ऑक्सीडेंट है। इसके अलावा शलजम में उच्च मात्रा में विटामिन सी के साथ ग्लूकोसाइनोलट्स होते हैं, जो कैंसर की कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करते हैं।
शलजम में मौजूद कैल्शियम और पोटेशियम की उपस्थिति के कारण शलजम का सेवन आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य में लाभदायक हो सकता है।
शलजम में विटामिन बी कांपलेक्स होता है जिसके कारण हमारे शरीर की हार्मोन और एंजाइम प्रक्रियाओं को विनियमित करने में मदद करता है। उचित चयापचय यह सुनिश्चित करता है कि हमारा शरीर भोजन से मिलने वाले पोषक तत्वों को उपयोग करने में सक्षम है।
6.लहसुन ( Garlic )के लाभ
दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसे हृदय संबंधित बीमारियां दुनिया की सबसे ज्यादा होने वाली बीमारियों में से एक है, उच्च रक्तचाप इन बीमारियों का एक महत्वपूर्ण कारण है, लहसुन के सेवन से उच्च रक्तचाप को कम किया जा सकता है।
लहसुन बैक्टीरिया, फंगल और परजीवी संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
लहसुन के प्राकृतिक योगिक कैंसर कोशिकाओं को आगे बढ़ने और फैलने से रोकने में मदद करने के लिए जाने जाते हैं।
लहसुन में विटामिन सी, विटामिन बी6, सेलेनियम और मैंग्नीज का अच्छा स्रोत है, यह सभी पोष्टिक तत्व शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
लहसुन के एंटीबायोटिक और एंटीवायरल गुण के कारण यह सर्दी खांसी जैसी मौसमी बीमारियों में लाभ प्रदान कर सकता है।
7. गाजर ( Carrots ) के लाभ
गाजर में विटामिन ए की भरपूर मात्रा होती है, विटामिन ए की कमी से जीरोफ्थेल्मिया हो सकता है और इस कारण से कम रोशनी में देखने में परेशानी हो सकती है। अधिकांश लोगों में दृष्टि संबंधित इस तरह की समस्या गाजर खाने से ठीक नहीं हो सकती जब तक कि उनमें विटामिन ए की कमी ना हो।
गाजर को कम कैलोरी उच्च फाइबर और शुगर की कम मात्रा होती है। यह ग्लाईसेमिक इंडेक्स पर कम स्कोर करता है यह सूचकांक मधुमेह वाले लोगों को यह समझने में मदद करता है कि कौन से खाद्य पदार्थ उनके रक्त में शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है।
गाजर में विटामिन के, कैल्शियम और फास्फोरस की मात्रा भी होती है। यह सभी हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में योगदान करते हैं।
गाजर फाइबर का अच्छा स्रोत होता है गाजर के इसी गुण से यह हमारे पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती है।
गाजर में पोटेशियम और बीटा कैरोटीन तत्व होते हैं जो रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं।
8. मूली ( Radishes ) के लाभ
मूली में पोटेशियम और कैल्शियम होते हैं इन्हीं तत्वों के कारण मूली रक्तचाप नियंत्रण करने में सहायक है।
मूली में मौजूद फाइबर के कारण यह पाचन क्रिया को स्वस्थ और दुरुस्त रखने में लाभदायक है।
मूली में फोलिक एसिड और विटामिन सी की भरपूर मात्रा पाई जाती है यह तत्व शरीर को कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं।
मूली किडनी के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होती है क्योंकि इसे खाने से शरीर आसानी से डिटॉक्स हो जाता है।
मूली में भरपूर मात्रा में फाइबर होने के कारण यह मोटापे के मरीजों के लिए लाभदायक है।
9. आलू ( Patato ) के लाभ
आलू में मैग्नीशियम होता है जो शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक है।
आलू में प्रचुर मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है साथ ही यह प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत है, जो लोग अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए यह लाभदायक हो सकता है।
आलू में मौजूद आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि तत्वों के कारण यह हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है,
आलू में उपस्थित पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम तत्व रक्त चाप को कम करने में सहायक है। इसके अलावा पोटेशियम रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
आलू विटामिन बी6 का एक अच्छा स्रोत है, यह कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन को तोड़कर अमीनो एसिड के चयापचय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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