सहजन खाने के 10 फायदे और नुकसान | sahjan khane ke 10 fayde aur nuksan
सहजन का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इस पेड़ का हर हिस्सा पौष्टिकता और गुणों का भंडार होता है। सहजन के अलग-अलग भागों से कई अलग-अलग तरह के रोगों से लड़ने के गुण होते हैं। सहजन को ड्रमस्टिक( Drumstick ) अथवा मोरींगा ( Moringa ) के नामों से भी जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा ( Moringa oleifera) है। भारत देश सहजन के उत्पादन में अग्रणी श्रेणी में गिना जाता है। इसकी फलियों के अलावा इसके पत्तों और फूलों का भी भोजन के रूप में प्रयोग किया जाता है। सहजन को कम पानी में भी आसानी से उगाया जा सकता है। यह पेड़ कई तरह के पोस्टिक तत्व विटामिन और खनिज पदार्थों का एक बहुत बढ़िया स्रोत है। इसे पूरी दुनिया में सुपर फूड के नाम से भी जाना जाता है।
सहजन या मोरिंगा ( drumstick ) की पत्तियो से मिलने वाले पौष्टिक तत्व (प्रति 100 ग्राम)(1)
कार्बोहाइड्रेट ( carbohydrates) 8.28 g
आहार फाइबर ( Dietary fiber) 2.0 g
वसा ( fat) 1.40 g
प्रोटीन ( protein) 9.40 g
विटामिन ए ( Vitamin a) 378 μg
थाइमिन b1 ( Thiamine b1) 0.257 mg
राइबोफ्लेविन ( Riboflavin) 0.660 mg
नियासिन ( Niacin) 2.220 mg
पैंटोथैनिक एसिड b5 ( pantothenic acid b5 ) 0.125 mg
विटामिन बी वॉलेट ( Vitamin b6) 61.2 mg
विटामिन सी ( Vitamin c) 51.7 mg
फोलेट b9 ( Folate b9) 40 μg
कैल्शियम ( calcium) 185 mg
आयरन ( Iron) 4.00 mg
मैग्नीशियम ( Magnesium ) 147 mg
मैंगनीज ( Manganese) 0.36 mg
फास्फोरस ( phosphorus) 112 mg
पोटेशियम ( Potassium) 337 mg
सोडियम ( sodium) 9 mg
जिंक (Zinc) 0.6 mg
सहजन या मोरिंगा ( drumstick ) की फलियो से मिलने वाले पौष्टिक तत्व (प्रति 100 ग्राम) (2)
कार्बोहाइड्रेट ( carbohydrates) 8.53 g
आहार फाइबर ( Dietary fiber) 3.2 g
वसा ( fat) 0.20 g
प्रोटीन ( protein) 2.10 g
विटामिन ए ( Vitamin a) equiv. 4 μg
थाइमिन b1 ( Thiamine b1) 0.0530 mg
राइबोफ्लेविन b2 ( Riboflavin b2) 0.074
नियासिन b3 ( Niacin b3) 0.620
पैंटोथैनिक एसिड b5 ( pantothenic acid b5) 0.794 mg
विटामिन बी6 ( Vitamin b6) 0.120 mg
विटामिन सी ( Vitamin c) 141.0 mg
फोलेट ( Folate) 44 μg
कैल्शियम ( calcium) 30 mg
आयरन ( Iron) 0.36 mg
मैग्नीशियम ( Magnesium ) 45 mg
मैंगनीज ( Manganese) 0.259 mg
फास्फोरस ( phosphorus) 50 mg
पोटेशियम ( Potassium) 461 mg
सोडियम ( sodium) 42 mg
जिंक (Zinc) 0.45 mg
सहजन या मोरिंगा के फूल, पत्ते, फली, टहनियां, छाल, बीज जड़ इत्यादि को अनेक तरह से उपयोग में लाया जाता है। इसको भोजन के रूप में उपयोग में लाया जाता है जो बहुत पौष्टिक होता है और इसमें कई औषधीय गुण भी होते हैं। सहजन के बीजों से तेल निकाला जाता है और जड़, गोंद, छाल आदि से औषधियों का निर्माण किया जाता है।यह भी पढें
स्वास्थ्य के लिए आम खाने के फायदे और नुकसान
सहजन या मोरिंगा ( drumstick ) के लाभ
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक
पाचन तंत्र में सुधार
त्वचा के लिए
लीवर के स्वास्थ्य के लिए
मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में
ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए
मधुमेह के लिए
हड्डियों को स्वस्थ रखने में
मोटापा नियंत्रण में
यौन स्वास्थ्य में लाभदायक
1 रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक
सहजन में विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम, पोटेशियम आदि तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें एंटी एक्सीडेंट व एंटीवायरल तत्व होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। सहजन का प्रयोग न केवल स्वादिष्ट सब्जी के रूप में होता है बल्कि इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की दवाओं के रूप में भी होता है।
2 पाचन तंत्र में सुधार
पाचन तंत्र और आंतों से संबंधित समस्याओं के सुधार के लिए सहजन का उपयोग बहुत ही प्रभावशाली है। सहजन में एंटीबायोटिक और एंटीबैक्टीरियल तत्व होते हैं जो पेट में मौजूद बैक्टीरिया और दस्त होने के कारणों को कम करते हैं।
3 त्वचा के लिए
सहजन त्वचा को हाइड्रेट और डिटॉक्सिफाई रखता है। सहजन में एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, और एंटीवायरल गुण होते हैं जो त्वचा को स्वस्थ रखने में सहायक है। सहजन में मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या नहीं होने देते। इस प्रकार से सहजन की पत्तियों, फूलों या फलियों का प्रयोग करके अपनी त्वचा को स्वस्थ रख सकते हैं।
4.लीवर के स्वास्थ्य के लिए
सहजन में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होता है। सहजन लीवर की सूजन को कम करता है, इससे लीवर सही काम करता है।
5 मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में
सहजन में फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा होने के कारण यह मस्तिष्क को स्वस्थ रखने और शक्ति देने में सहायक है। इसके उपयोग से स्मरण शक्ति बढ़ती है और मानसिक रोगों में लाभ मिलता है। सहजन अल्जाइमर रोगियों के लिए भी लाभदायक है।
6 ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए
ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए सहजन की फलियों, फूलों और पत्तियों को भोजन में शामिल करना चाहिए। हाई ब्लड प्रेशर में रोगी को सहजन की पत्तियों का रस देने से फायदा मिलता है। इसके अलावा सहजन का काढ़ा पीने से घबराहट और चक्कर आने की समस्याओं में भी लाभ मिलता है।
7 हड्डियों को स्वस्थ रखने में
सहजन में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम और फास्फोरस पाया जाता है जिससे इसके सेवन से हड्डियों और दातों को स्वस्थ रखा जा सकता है। इसके सेवन से हड्डियां और दांत दोनों ही मजबूत बनते हैं।
8 मोटापा नियंत्रण में
अच्छे स्वास्थ्य के लिए फिट रहना अत्यंत आवश्यक है। मोटापा कई बीमारियों की जड़ है। जो लोग अपना वजन नियंत्रण में रखना चाहते हैं उन्हें सहजन को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। सहजन में फास्फोरस की मात्रा होती है जिसका काम शरीर की अत्यधिक कैलोरी को कम करना होता है। साथ ही में फाइबर की प्रचुर मात्रा पाई जाती है जो कि वजन को कम करने में सहायक है।
9 यौन स्वास्थ्य में लाभदायक
सहजन इरेक्टाइल डिस्फंक्शन के इलाज में सहायक है। यह विटामिन सी और विटामिन डी से भरपूर होता है। जो टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन के लिए आवश्यक हैं। सहजन का प्रयोग करने से रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स से पुरुषों का स्वास्थ्य बेहतर होता है। सहजन रोगों से लड़ने में मदद करता है।सहजन का सेवन करने वाले पुरुषों में शुक्राणुओं की गुणवत्ता ओर तेज हो जाती है।
10 मधुमेह रोग में लाभदायक
सहजन की पत्तियाँ एस्कोरबिक एसिड से भरपूर होती है जिससे शरीर में इंसुलिन स्त्राव में वृद्धि होती है और शर्करा का स्तर कम होता है। सहजन की पत्तियां रक्त में शर्करा को तो कम करती ही है साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं जो मधुमेह नियंत्रण में सहायक है।
सहजन या मोरिंगा ( drumstick ) के नुकसान
आयुर्वेद के अनुसार सहजन में सैकड़ों बीमारियां के इलाज की क्षमता होती है। इसकी पत्तियां, फूल, छाल, और फलियों में कई औषधि गुण होते हैं लेकिन यदि इसका सेवन आवश्यकता से अधिक किया जाए तो स्वास्थ्य को हानि हो सकती है जो इस प्रकार है।
सहजन में रेचक गुण होते हैं बड़ी मात्रा में पेट की खराबी गैस दस्त और पेट में जलन के कारण बन सकते हैं।
यदि आपको इसका स्वाद पसंद नहीं है तो सहजन के अधिक सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह मतली या जी मचलने की समस्या पैदा कर सकता है।
बीजों के काढ़े का अधिक उपयोग करने से बचना चाहिए क्योंकि यह प्रतिरक्षा कोशिकाओं में विषाक्तता पैदा कर सकता है।
सहजन की जड़ों, फूलों और छाल में मौजूद कुछ रसायन गर्भवती महिलाओं के गर्भाशय के संकुचन का कारण बन सकते हैं। इनके ज्यादा प्रयोग से गर्भपात का खतरा हो सकता है।
महिलाओं को मासिक धर्म के समय इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि यह पित्त बढ़ाता है।
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