अधोमुखश्वानासन करने का तरीका और फायदे | Adhomukhaswanasana karne ka tarika aur fayde
अधोमुखश्वानासन शब्द में अध का आशय है नीचे, मुख का आशय है चेहरा और स्वान का आशय है कुत्ता अर्थात जब व्यक्ति यह आसन करता है, तो वह नीचे मुंह किए हुए श्वान की भांति प्रतीत होता है।
यह आसन सूर्य नमस्कार योगासन का ही एक भाग है। अधोमुखश्वानासन करना बहुत सरल होता है। किसी भी व्यक्ति जिसने अभी योग करना आरंभ ही किया है, इस आसन को आसानी से कर सकता है।
यह आसन बहुत आसान होने के साथ-साथ लाभदायक भी है। इसे प्रतिदिन करना चाहिए। इस आसन में शरीर का रक्त मस्तिष्क की तरफ प्रवाहित होता है। इसके अलावा और भी कई लाभ हैं जो इस आसन से प्राप्त होते हैं। वे इस प्रकार हैं।
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अधोमुखश्वानासन के फायदे
- आसन का अभ्यास प्रतिदिन करने से शरीर का रक्त संचार सही रहता है।
- इस आसन से पैरों तथा हाथों की मांसपेशियां मजबूत होती है।
- यह आसन मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ाता है।
- मेरुदंड को लचीला और मजबूत बनाने के लिए यह योग करें।
- इस आसन से फेफड़ों का स्वास्थ्य ठीक रहने के साथ उसकी क्षमता में भी वृद्धि होती है।
- इस योगासन से साइनस की समस्या में लाभ मिलता है। गठिया रोग में लाभदायक होता है।
अधोमुखश्वानासन करने का तरीका
- सीधा खड़े होकर दोनों हाथों को आगे करके झुके।
- हाथों को जमीन पर टिका कर घुटनों को सीधा करें।
- हाथों को आगे करते हुए शरीर को V आकृति का बनाएं। सिर को नीचे की तरफ करे और रीड की हड्डी सीधा रखे।
- कुछ देर इसी स्थिति में रहे।
- सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में आ जाएं
सावधानियां
हाथ पैर या पीठ में दर्द या चोट लगने की दशा में यह योग न करें।
माइग्रेन की समस्या होने पर यह योग न करें।
उच्च रक्तचाप की स्थिति में यह योग न करें।
महिलाओं को गर्भावस्था में यह योग नहीं करना चाहिए। विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।
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