शराब की लत, कारण और दुष्परिणाम | Sharab ki lat, karan aur dushparinam
शराब की लत एक बीमारी है और यह एक ऐसी बीमारी है जो खुद का तो स्वास्थ्य खराब करती ही है साथ ही अपने आसपास के लोगों के जीवन को भी प्रभावित करती है। हम शराब पीने को बीमारी नहीं कह सकते लेकिन किसी भी चीज की अति बुरी है। यह ध्यान देने वाली बात है कि शराब की आदत एक वास्तविक बीमारी है। इस बीमारी के कारण मष्तिक और न्यूरोकेमिस्ट्री में परिवर्तन होता है और इस तरह से जिस व्यक्ति को शराब की लत हो जाती है वह व्यक्ति अपना कोई भी कार्य करने में सक्षम नहीं रह पाता। शराब की लत की गंभीरता इस बात पर निर्भर करती है कि कोई व्यक्ति कितनी मात्रा और कितनी बार शराब का सेवन करता है।
शराब की लत के कारण
पारिवारिक कारण
परिवार में से पहले कोई व्यक्ति शराब पीता है तो अन्य को भी यह लत लग सकती है।
सामाजिक कारण
कई समाजों या परिवारों में उत्सव शादी विवाह आदि समय में शराब परोसने की परंपरा होती है। यहां से भी यह लत लगना संभव है।
मित्र या संगत के कारण
मित्र या साथ का कोई व्यक्ति शराब पीता है तो यह लत लगने की संभावना अधिक होती है।
तनाव में
जब व्यक्ति तनाव में रहता है तो वह शराब पीने लगता है और धीरे-धीरे इसकी लत लग जाती है।
शराब की लत के लक्षण
भारी मात्रा में शराब का सेवन
सुबह उठते ही शराब पीना
एकांत में जाकर शराब पीना
परिवारजनों से दूर दूर रहना
रोज के कार्य करने के लिए शराब पर निर्भरता
कानूनी या नौकरी संबंधी समस्या जैसे नौकरी का छूटना, गिरफ्तारियां आदि
जल्दी नशा नहीं होने के कारण ज्यादा पीना
साफ-सफाई की आदत छूट जाना
शराब पीने के बाद कुछ याद नहीं रहना
शराब नहीं मिलने पर जी मचलना उल्टी जैसे लक्षण दिखना
शराब से होने वाले दुष्परिणाम
शराब की लत के कई तरह के दुष्प्रभाव हो सकते है। जिसमें सामाजिक, मानसिक और शारीरिक दुष्प्रभाव शामिल है।
शारीरिक बीमारियां
दिल की बीमारियां
लीवर संबंधी रोग
अल्सर
मधुमेह की जटिलताएं
कैंसर होने की संभावना
मानसिक बीमारियां
हमेशा तनाव में रहना
तंत्रिका तंत्र प्रभावित होना
मस्तिष्क संबंधी अन्य बीमारियां
याददाश्त खराब होना
पारिवारिक कलह
जिस व्यक्ति को शराब की लत होती है वह हमेशा चिड़चिड़ा रहता है। घर पर आने के बाद अपने ही घर और परिवार वालों के साथ मारपीट और झगड़े करता है, जिससे हर समय पारिवारिक कलह का वातावरण रहता है।
सामाजिक दुष्प्रभाव
शराब की लत वाला व्यक्ति हमेशा लोगों से दूर दूर रहने लगता है। वह अपने काम करने की जगह पर या तो जाता नहीं है और जाता भी है तो सही ढंग से काम नहीं कर पाता। सारे पुराने दोस्तों से दूरी बन जाती है। शराब पीकर ही सारे कार्य करने जैसे गाड़ी चलाना आदि करने से खुद तो खतरे में होता ही है दूसरों को भी खतरे में डालता है।
आर्थिक दुष्प्रभाव
शराब की लत के कारण व्यक्ति अपने व्यवसाय अथवा रोजगार से विमुख होकर रहता है जिससे आय का कोई स्रोत नहीं रहता है इसके अलावा महंगी शराब पीने से हमेशा आर्थिक तंगी में रहता है।
इलाज और उपाय
शराब की लत का इलाज करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। शराब की लत वाले व्यक्ति की यह आदत आप जबरदस्ती नहीं छुड़वा सकते यदि वह खुद तैयार नहीं है तो उसे रोक पाना आसान नहीं है। इलाज की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि वह व्यक्ति शराब छोड़ने के लिए तैयार हो ।
रिहैब
शराब की लत के उपचार के लिए व्यक्ति को रिहैब सेंटर
भेज सकते हैं। जहां रोगी को 1 महीने से लेकर 1 साल तक रख सकते हैं। रिहैब चिकित्सा या मनोचिकित्सा की एसी प्रक्रिया है। जहा शराब या अन्य मादक पदार्थों की लत का शिकार व्यक्ति का उपचार किया जाता है।
डिटाक्सिफिकेशन!(detoxification)
यह एक प्रकिया है जो 7-8 दिन तक चलती है।शराब छोडने पर कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे शरीर का कापना तनाव आदि ।उन्हें रोकने के लिए दवाए दी जाती है।
शराब निर्भरता का ईलाज
सलाहकार द्वारा रोगी की शराब की निर्भरता को समाप्त करने के लिए उचित सलाह दी जाती है।
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