शीर्षासन करने के लाभ और तरीका | shirshasana karne ke labh aur tarika.
योग के कई आसनों में से एक शीर्षासन है। शीर्षासन को आसनों का राजा भी कहा जाता है। शीर्षासन करते समय शरीर को सिर और हाथों के सहारे उल्टा किया जाता है। जो लोग योग की शुरुआत ही करते हैं, उनको यह योग करने में कठिनाई आती है क्योंकि इस योग को सही तरीके से करने के लिए बहुत अभ्यास की आवश्यकता होती है। इसे करने में सावधानी रखनी चाहिए।
शीर्षासन करने का तरीका
सबसे पहले कोई मुलायम कपड़ा या मेट लें ताकि आप अपना सिर उस पर टिका सकेअपने घुटनों के बल बैठ जाएं और अपने दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ कर दोनों कोहनियों को जमीन पर टिका दें।
इस समय अपनी सांस सामान्य रखें।
अब धीरे-धीरे आगे झुके और अपना पूरा वजन अपनी बाजुओं पर देते हुए अपने शरीर को सिर के बल ऊपर उठाना शुरू करें और टांगों को सीधा करे
शुरुआत में यह आसन 30 सेकंड तक अभ्यास करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
आसन 5 मिनट से ज्यादा ना करें
शुरू में इस आसन का अभ्यास दीवार के सहारे भी कर सकते हैं
सावधानियां
यदि ह्रदय का कोई रोग या उच्च रक्तचाप है तो यह योगासन ना करें।गर्भवती महिलाएं ये आसन नहीं करे।
महावारी हो तो यह योगासन नहीं करें
गर्दन या पीठ की चोट होने पर यह योगासन ना करें।
आंखों की बीमारी है तो यह आसन ना करें।
कान की बीमारी है तो यह आसन ना करें।
क्षमता के अनुसार ही करें
यदि योग शुरू कर रहे हैं तो अनुभवी अध्यापक के साथ कर सकते है।
शीर्षासन करने के लाभ
शीर्षासन करने से हमारा पाचन तंत्र ठीक रहता है।इसे करने से हमारे शरीर का रक्त संचार सुचारू रूप से कार्य करता है।
शीर्षासन हमारे शरीर को शक्तिशाली बनाता है।
यह योगाभ्यास रोज करने से हमारे चेहरे की चमक बनी रहती है।
इस योगासन को करने से बालों का स्वास्थ्य ठीक रहता है और वह काले और चमकदार रहते हैं।
शीर्षासन के अभ्यास से स्मरण शक्ति बढ़ती है।
अनिद्रा जैसी बीमारी में राहत मिलती है।
तनाव में राहत मिलती है।
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